Son of sardaar 2 movie review: अजय देवगन की फिल्म सन ऑफ सरदार 2 इस समय भारतीय सिनेमा में गदर मचाने के लिए तैयार है आपको बता दे इस समय बॉलीवुड में सीक्वल का दौर चल रहा है हर कोई सीक्वल के पीछे भाग रहा है। बॉलीवुड में अजय देवगन की अपकमिंग फिल्म “दे दे प्यार दे” Drishyam 3 धमाल 4 और गोलमाल 5 जैसी सीक्वल फिल्में जल्दी आने वाली है। Son of sardaar 2 movie review
बता दे सन ऑफ सरदार 2 में अजय देवगन ने शानदार अपने किया है और यह फिल्म एक नो ब्रेनर यानी दिमाग का शटर बंद करके देखी जाने की फिल्म है या कॉमेडी से भरपूर है और साल 2012 में आई अजय देवगन की फिल्म सन ऑफ सरदार का सिक्का है हालांकि इस फिल्म का पिछली फिल्म से कोई लेना-देना नहीं है इस फिल्म की कहानी अलग है ।
सन ऑफ सरदार 2 की कहानी

Son of sardaar 2 movie review यानी कहानी की बात करें तो इस फिल्म में अजय देवगन ने जैसी रंधावा का किरदार निभाया है इस फिल्म में उनकी पत्नी डिंपल नीरू बाजवा लंदन में जॉब कर रही है जबकि वह पंजाब में वीजा मिलने का इंतजार कर रही है एक दशक के बाद जैसी को आखिरकार वीजा मिल जाता है।
मगर जब वह डिंपल के पास पहुंचता है तो पता चलता है कि डिंपल किसी और के प्यार में है अपने पति को तलाक देना चाहती है और एक दिन जस्सी पाकिस्तान के रहने वाली राबिया यानी मृणाल ठाकुर से टकराता है इस फिल्म में मृणाल ठाकुर के पति का रोल चक्की पांडे ने निभाया है जिनका नाम दानिश है और वह उसे छोड़कर भाग गए हैं।
इस फिल्म की कहानी में राबिया यानी मृणाल ठाकुर अपने परिवार जैसी टीम महविश और सौतेली बेटी सबा के साथ शादियों में नाचने गाने का काम करती है। इस फिल्म में रवि किशन का रोल भी दमदार है वह शहर के धाकड़ राजा संधू का रोल निभाएं है। इस कहानी में दिखाया गया है की शहर के धाकड़ राजा संधू के बेटे से सभा प्यार करती है और शादी करना चाहती है मगर देशभक्त राजा को पाकिस्तान और नाचने गाने वाले लोगों से नफरत है।
बाकी जस्सी का किरदार अजय देवगन ने काफी बढ़िया निभाया है वह अपना खुद का घर टूटने का गम झेल रहे हैं इसलिए वह सबा का घर बसाने के लिए उसका फौजी सरदार पिता होने का नाटक करते हैं लेकिन उनका यह झूठा नाटक क्या-क्या गुल खिलाता है आपको फिल्म देखकर ही पता चलने वाला है।
Son of sardaar 2 movie review

सन ऑफ सरदार 2 को मसाला एंटरटेनर बनाने की कोशिश की गई है इस फिल्म को पूरी तरीके से एंटरटेनमेंट फिल्म बनाने की कोशिश गई है जिससे कि दर्शकों को काफी मजा आए। में दिमाग लगाना काफी टेढ़ी खीर साबित होता दिख रहा है क्योंकि इस फिल्म में कहानी बिना सिर पैर की है आप पूरी फिल्म में हंसने का मजा ले सकते हैं सन ऑफ सरदार के फैंस को निराश हो सकती है फिल्म के सारे कैरेक्टर जोड़ लगाकर भी चेहरे हो मुस्कान नहीं ला पाते हैं।
हालांकि अजय देवगन ने जस्सी किरदार में अच्छा रोल निभाने की कोशिश किया लेकिन वह पहली फिल्म में जैसा कॉमेडी करते हुए नहीं दिख दिख रहे हैं इस फिल्म में मृणाल ठाकुर ने भी अच्छा खासा काम किया है बाकी सभी से सारे अच्छे हैं मुकुल देव,चंकी पांडे की कॉमेडी जल्दी थोड़ा मुश्किल बोरिंग हो सकती है कल मिल जुल कर आपके दिमाग के ऊपर छोड़ दिया जाए कि यह फिल्म देखकर आपको कैसे लगता है।
फिल्म की डायरेक्टिंग
Son of sardaar 2 movie review के बारे में बात करें इस फिल्म में डायरेक्टर विजय कुमार अरोड़ा ने कुछ खास छाप नहीं छोड़ा है हालांकि वह पंजाब में शानदार फिल्में बनाते हैं लेकिन कहीं ना कहीं और हिंदी फिल्मों में फेल हो जाते हैं उन्होंने इस फिल्म में को डायलॉग और जोक्स भी बुलवाए हैं लेकिन वह मिस टाइमिंग वाले दिखते हैं।
Disclaimer
Son of sardaar 2 movie review की बात करें तो हमने इस फिल्म के बारे में खुलकर बात किया है बाकी आपकी पसंद के ऊपर निर्भर करता है की फिल्म देखने के बाद आपको यह फिल्म कैसी लगती है मेरा मानना है एक बार अवश्य आते फिल्म देखने सिनेमा हॉल में जाए धन्यवाद
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